Sunday, February 16, 2020

Ek Sikh || एक सीख़

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एक सीख़........ 

आज में अंगूर ख़रीदने बाज़ार गया 
पूछा... क्या भाव है?
बोला: 80 रू किलों 

पास ही कुछ अलग़ - अलग़ 
टूटे हुए अंगूर के दाने पड़े थे......... 

मैंने पूछा: क्या भाव है इनका ?
वो बोला: 30 रु किलो 

मैंने पूछा: इतना काम दाम क्यों ?
वो बोला: है तो ये भी बहुत बड़िया 
पर ये गुच्छे में से टूटे 
हुए है !

में समझ गया की जिस प्रकार अंगूर की कीमत गुच्छे 
में से टूटने के बाद कम हो गई उसी प्रकार 
परिवार की क़ीमत भी कम हो जाती है 
उनसे अलग होने के बाद !

सीख़ : अपने परिवार और मित्रो से 
हमेसा जुड़े रहे , प्यार बनाए रखे !





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