Sunday, August 30, 2020

Kadvi Sacchi Baatein In Hindi || कड़वी मगर सच्ची बातें



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आज हम आपको ज़िंदगी की कुछ कड़वी सच्ची बातें  बताए गए जो कड़वी है सब जानते है मगर उन बातो को मानने  के लिए कोई भी त्यार नहीं होता है ये  सुनने में आपको कड़वे जरूर लगे गए ...... 

और शायरी पड़ने के लिए हमारी वेबसाइट पर आए 


कड़वी मगर सच्ची बातें



बारात में दूल्हा सबसे पीछे होता है 
परन्तु लोग आगे आगे होते है !
यानि ख़ुशी में लोग आपके हमेसा आगे होते है 
जब घर के अंदर किसी की मृत्यु हो जाती है 
तो लोग हमेशा जनाजे की पीछे 
पीछे चलते है 
दुःख में लोग हमेशा पीछे ही मिलते है !
2 . 
जितनी खोज हम मोबाइल ढूढ़ने के लिए करते है 
अगर उतनी खोज हम 
नेता ढूढ़ने के लिए करते तो 
आज हमारा देश कही और होता !
3. 
गरीब आदमी इसिलए गरीब है 
क्योकि वो अपने आप को अमीर दिखाने के लिए 
सारा पैसा ख़र्च कर देता है 
और 
अमीर इसलिए अमीर है 
क्योंकि 
वो अपने आप को अमीर बनाने में 
सारा पैसा ख़र्च कर देता है !
4. 
बिलगेट्स कभी नहीं कहते की 
वो 
दुनिया के सबसे अमीर आदमी है 
वो है 
ये बात दुनिया जानती है 
परन्तु 
कुछ लोग है जो आपको आमिर दिखने के लिए 
ही 
चीजे गिनवाते रहते है 
5. 
याद रखना की जब तक आप काम के है 
तब तक ही लोग आपको पहचानते है 
क्योकि दिए जल जाने के बाद में 
तीली को हमेसा फेक दिया जाता है !
6. 
चाहें कोई इंसान आपके कितना भी 
करीबी क्यों ना हो
आपकी कामयाबी उसको तब तक अच्छी 
लगेगी 
जब तक आप उसके पीछे है 
7. 
गोरा होने की क्रीम लगाने से 
आज तक कोई भी इंसान गोरा नहीं हुआ 
ये बात दुनिया जानती है 
लेकिन उसके बाद भी हम उसकी जूठी उम्मीद 
में उस क्रीम  लगाते है 
ओर कुछ जूठे लोगो 
को अमीर बनाते है ! 
8. 
ब्लड बैंक में कोई नहीं पूछता 
ये खून 
#हिन्दू #मुस्लिम #सिख #ईसाई 
का है 
लगता है सारी की सारी इंसानियत 
वही की वही पड़ी है 
9. 
एक लड़की कभी भी स्ट्रगल करने वाले लड़के 
के पास नहीं जाती है 
लेकिन जब वह स्ट्रगल करके कुछ 
बन जाता है तो उसके पास जाने का 
प्रयास करती है !
10. 
जब तक कोई बेटा बाप नहीं बन जाता 
तब तक
उसको उसके पिता का लिया हुआ 
निर्णय 
हमेसा गलत ही लगता है !
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Sunday, July 26, 2020

वायरल शायरी || हमारे जीने का अलग अंदाज है || शायरी 2020

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एक मर्द के दर्द का एहसास

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किसने लिखी है पता नहीं मुझे

लेकिन एक मर्द के दर्द का एहसास दर्शाने वाली इस लेखनी को मेरा दिल से नमस्कार 

एक बार पढ़िए



आज मेरी माहवारी का
दूसरा दिन है।
पैरों में चलने की ताक़त नहीं है,
जांघों में जैसे पत्थर की सिल भरी है।

पेट की अंतड़ियां
दर्द से खिंची हुई हैं।
इस दर्द से उठती रूलाई
जबड़ों की सख़्ती में भिंची हुई है।

कल जब  में उस दुकान में

‘व्हीस्पर’ पैड का नाम ले फुसफुसाई थी,

सारे लोगों की जमी हुई नजरों के बीच,
दुकानदार ने काली थैली में लपेट

मुझे ‘वो’ चीज लगभग छिपाते हुए पकड़ाई थी।
आज तो पूरा बदन ही
दर्द से ऐंठा जाता है।
ऑफिस में कुर्सी पर देर तलक भी
बैठा नहीं जाता है।

क्या करूं कि हर महीने के
इस पांच दिवसीय झंझट में,
छुट्टी ले के भी तो
लेटा नहीं जाता है।

मेरा सहयोगी कनखियों से मुझे देख,
बार-बार मुस्कुराता है,
बात करता है दूसरों से,

पर घुमा-फिरा के मुझे ही
निशाना बनाता है।
 में अपने काम में दक्ष हूं।

पर कल से दर्द की वजह से पस्त हूं।
अचानक मेरा बॉस मुझे केबिन में बुलवाता हैै,
कल के अधूरे काम पर डांट पिलाता है।

काम में चुस्ती बरतने का
देते हुए सुझाव,
मेरे पच्चीस दिनों का लगातार

ओवरटाइम भूल जाता है।
अचानक उसकी निगाह,
मेरे चेहरे के पीलेपन, थकान

और शरीर की सुस्ती-कमजोरी पर जाती है,
और मेरी स्थिति शायद उसे
व्हीसपर की ऐड देखने से है 

अपने स्वर की सख्ती को अस्सी प्रतिशत दबाकर,
कहता है, ‘‘काम को कर लेना,
दो-चार दिन में दिल लगाकर।’’
केबिन के बाहर जाते

मेरे मन में तेजी से असहजता की
एक लहर उमड़ आई थी।
नहीं, यह चिंता नहीं थी
पीछे कुर्ते पर कोई ‘धब्बा’
उभर आने की।

यहां राहत थी
अस्सी रुपये में खरीदे आठ पैड से
‘हैव ए हैप्पी पीरियड’ जुटाने की।

 मेंअसहज थी क्योंकि
मेरी पीठ पर अब तक, उसकी निगाहें गढ़ी थीं,
और कानों में हल्की-सी

खिलखिलाहट पड़ी थी
‘‘इन औरतों का बराबरी का
झंडा नहीं झुकता है
जबकि हर महीने

अपना शरीर ही नहीं संभलता है।
शुक्र है हम मर्द इनके
ये ‘नाज-नखरे’ सह लेते हैं
और हंसकर इन औरतों को

बराबरी करने के मौके देते हैं।’’
ओ पुरुषो!

मेंक्या करूं
तुम्हारी इस सोच पर,
कैसे हैरानी ना जताऊं?

और ना ही समझ पाती हूं
कि कैसे तुम्हें समझाऊं!
 मेंआज जो रक्त-मांस
सेनेटरी नैपकिन या नालियों में बहाती हूं,

उसी मांस-लोथड़े से कभी वक्त आने पर,
तुम्हारे वजूद के लिए,
‘कच्चा माल’ जुटाती हूं।
और इसी माहवारी के दर्द से

 मेंवो अभ्यास पाती हूं,
जब अपनी जान पर खेल
तुम्हें दुनिया में लाती हूं।
इसलिए अरे ओ मदो!

ना हंसो मुझ पर कि जब मैं
इस दर्द से छटपटाती हूं,
क्योंकि इसी माहवारी की बदौलत  मेंतुम्हें

‘भ्रूण’ से इंसान बनाती हूं।


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Sunday, July 19, 2020

Rula Dene wali Shayari || रुला देने वाली शायरी

आपकी वेबसाइट  (sacchiibaatein.blogspot.com) के ( रुला देने वाली शायरी, Rula Dene wali Shayari ) पेज पे आपका बहुत- बहुत  स्वागत है, दोस्तों में आप सभी से यह  उम्मीद करता हूँ की आपको मेरी पोस्टअच्छी लगेंगीधन्यवाद!

Rula Dene wali Shayari रुला देने वाली शायरी




1.
शायरी लिखना बंद कर दूंगा अब मैं यारो
मेरी शायरी की वजह से दोस्तों की आँखों में आंसू अब देखे नहीं जाते

Rula Dene Wali Shayari, रुला देने वाली शायरी

2.
जाते जाते उसने पलटकर सिर्फ इतना कहा मुझसे
मेरी बेवफायी से ही मर जाओगे या मार के जाऊ

Rula Dene Wali Shayari, रुला देने वाली शायरी

3.
सुहाना मौसम और हवा में नही होगी
आंसुओं की बहती नदी होगी
मिलना तो हम तब भी चाहेंगे आपसे
जब आपके पास वक़्त और हमारे पास सांसो की कमी होगी

Rula Dene Wali Shayari, रुला देने वाली शायरी

4.
जो नजर से गुजर जाया करते है
वो सितारे अक्सर टूट जाया करते है
कुछ लोग दर्द को बया नही होने देते
बस चुपचाप बिखर जाया करते है

Rula Dene Wali Shayari, रुला देने वाली शायरी

5.
दर्द से हाथ ना मिलते तो और क्या करते
गम के आँसू ना बहाते तो और क्या करते
उसने मांगी थी हमसे रौशनी की दुआ
हम खुद को ना जलाते तो और काया करते

Rula Dene Wali Shayari, रुला देने वाली शायरी

6.
अकेले रहने का भी एक अलग सूकून है
ना किसी की वापस आने की उम्मीद
ना किसी के छोड़ कर जाने का डर

Rula Dene Wali Shayari, रुला देने वाली शायरी

7.
वो मुझसे बिछड कर अब तक नही रोए
कोई तो हमदर्द है उसका जिसने मेरी याद तक ना आने दी

Rula Dene Wali Shayari, रुला देने वाली शायरी


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zindagi ki sachi baatein status || sachi aur kadvi baatein || Kadvi Sacchi Baatein In Hindi || कड़वी मगर सच्ची बातें

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वो जरा से क्या निखर गए, सीने तो तान कर चलने लगे है 
ओर भूल गए की दिया हमेशा एक सिमित 
समये के लिए ही जलता है @!
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उसकी एक दिलचप्स बात ये भी है 
वो हमेशा हर "हां"  "ना" से शुरू 
करती है @! 
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जिस को भी टाइम मिला कम्भख्त चोट दे गया 
कम्भख्त हमारा तो दिल ना हुआ 
कम्भख्त देश का मजदुर हो गया @!
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नफरत करते है तुमसे 
ये कह दिया होता 
यु गेरो से मिल के दिल जलने के लिए 
किसने बोला था @!
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एक उम्र को गवा दिया हमने 
उसकी चाहत में 
मुफत में पाने वाला बड़ा खुश हुआ होगा @!
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यादो से उठ कर देखा तो 
पता चला 
पिछले साल तुम हमारे थे @!
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मुझेसे कोई झूठ की उम्मीद मत रखना 
में आइना हु,सुबह का अख़बार नहीं @!
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किसी को फासला चाहिए तो दे दीजिए 
यहाँ हर किसी को खुश रहने का अधिकार है @!
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चाय की तरह महोबत उसकी 
आज भी उबलती रहती है 
दिल में @!
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तमसा तो बाद में बनते है लोग 
पहले तो अपना बनाते है @!
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इस पते के रंग भी हरे भरे थे यहाँ 
मगर 
साख से टूटने के बाद इनके रंग उत्तर गए @!


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Sunday, May 10, 2020

Kadvi Sacchi Baatein In Hindi || कड़वी मगर सच्ची बातें

☘☘☘☘☘☘☘☘☘
*जिसकी सोच में* 
*आत्मविश्वास की महक है*
*जिसके इरादों में* 
*हौसले की मिठास है....* 
*और* *जिसकी नीयत में*
*सच्चाई का स्वाद है.....*
*उसकी पूरी जिन्दगी* 
*महकता हुआ " गुलाब " है .*
2.
*"अनुभव कहता है*
*खामोशियाँ ही बेहतर हैं,*
*शब्दों से लोग रूठते बहुत हैं..."*

*जिंदगी गुजर गयी....*
*सबको खुश करने में ..*

*जो खुश हुए वो अपने नहीं थे,*
*जो अपने थे वो कभी खुश नहीं* *हुए...*

*कितना भी समेट लो..* 
*हाथों से फिसलता ज़रूर है..*

*ये वक्त है साहब..*
*बदलता ज़रूर है..*
----------------
3.
*यक़ीन करना सीखो..*
*शक तो सारी दुनिया*
*करती है...!*

. *जिन्दगी जब देती है,*
*तो एहसान नहीं करती* 
*और जब लेती है तो,*
*लिहाज नहीं करती*

*दुनिया में दो ‘पौधे’ ऐसे हैं*
*जो कभी मुरझाते नहीं* 
*और*
*अगर जो मुरझा गए तो* 
*उसका कोई इलाज नहीं।*
*पहला –* *‘नि:स्वार्थ प्रेम’* 
*और*
*दूसरा –* *‘अटूट विश्वास’* ।।
----------------
4.

*टुटा हुआ विश्वास*
*और छूटा हुआ बचपन,*
*जिंदगी में कभी दुबारा वापस नहीं मिलता* !!

*" नफरतों में क्या रखा हैं ..,*
*मोहब्बत से जीना सीखो..,*
*क्योकि*
*ये दुनियाँ न तो हमारा घर हैं ...*
*और ...*
*न ही आप का ठिकाना ..,*
*याद रहे ! दूसरा मौका सिर्फ कहानियाँ देती हैं , जिन्दगी नहीं ...*

*‘समय‘ न लगाओ तय करने में,*
*आपको क्या करना है.*
*वरना ‘समय‘ तय कर लेगा कि,*
*आपका क्या करना है...*

*पैसा एक ही भाषा बोलता है,*
*अगर तुमने "आज" मुझे बचा लिया तो..*
*"कल" मै तुम्हे बचा लूंगा*

*"पैसा फिर कहता है,* 
*भले मैं उपर साथ नहीं* *जाऊंगा*
*पर जब तक मै नीचे हूँ*
*तुझे बहुत उपर लेके जाऊंगा.."*
5. 
*एक लालची आदमी को वस्तु भेंट कर संतुष्ट करें,
 एक कठोर आदमी को हाथ जोड़कर संतुष्ट करें। 
एक मूर्ख को सम्मान देकर संतुष्ट करें।
 एक विद्वान आदमी को सच बोलकर संतुष्ट करें।।*
6.
*हर पल मुस्कुराओ,* *बड़ी* *“खास”*
*है जिंदगी…!*
*क्या सुख क्या दुःख ,बड़ी “आस”* 
*है जिंदगी… !*
*ना शिकायत करो .ना कभी*
*उदास हो.*
*जिंदा दिल से जीने का “अहसास”* 
*है जिंदगी…..!!*
----------------
7.

*● चार दुर्लभ गुण :*

*1. धन के साथ पवित्रता,*
*2. दान के साथ विनय,*
*3. वीरता के साथ दया,*
*4. अधिकार के साथ सेवाभाव।*
8.
*अहंकार*" *दिखाकर* 
*किसी रिश्ते को तोड़ने से* 
*कहीं अच्छा है कि*,
"*क्षमा*" *मांगकर उस रिश्ते को* *निभाया जाये*।
*केवल* *"रोजी रोटी"* *कमाना ही*
*हुनर की बात नही है.*...
*बल्कि*
*परिवार के साथ* *"राजी राजी* *रोटी"* *खाना*, 
*भी बहुत बड़ा हुनर है*..!!

*श्रीकृष्ण भगवान कहते हैं* :-
*कभी किसी के चहरे को मत देखो*
*बल्कि उसके मन को देखो*।
*क्योंकि* 
*अगर सफेद रंग में वफा होती*।
*तो नमक जख्मों की दवा होती*।
🏻🏻

9.
*जीवन ऐसा हो जो-*
*संबंधों की कदर करे,*
*और संबंध ऐसे हो जो-*
*याद करने को मजबूर कर दे..!!*
*"दुनियां के रैन बसेरे में..*
*पता नही कितने दिन रहना है,*
*"जीत लो सबके दिलों को..*
*बस यही जीवन का गहना है..!!"
10.
*स्वामी विवेकानंद कहते हैं*

*" Hmesa कि तुम मुझे पसंद करो
 या muje  नफरत, दोनो ही मेरे पक्ष में हैं।"*

*"क्योंकि अगर तुम Muje  पसंद करते हो तो,
 मैं  Hmesa आपके दिल में Rhuga ,* 
*और अगर तुम मुझ से नफरत करते हो , तो मैं आपके दिमाग में हूं !!"* 
*"पर रहूंगा आप के पास ही*"

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